तथ्य जाँचें – गैरकानूनी प्रवासन की सच्चाई

समाचार

समाचार

ऑस्ट्रिया ने भारत के लिए यूरोप का पहला फ्रॉन्टेक्स-चार्टर आयोजित किया

19 भारतीय नागरिकों को ऑस्ट्रिया से दिल्ली में अधिकारियों को सौंपा गया।

भारत में यूरोप के पहले चार्टर प्रत्यावर्तन के दौरान 29 सितंबर, 2022 को कुल 19 भारतीय नागरिकों को दिल्ली में अधिकारियों को सौंपा गया। चार्टर ऑपरेशन का आयोजन ऑस्ट्रिया द्वारा एवं समन्वयन फ्रॉन्टेक्स द्वारा किया गया था।

ऑस्ट्रिया से प्रत्यावर्तित लोगों के मामले की जाँच व्यक्तिगत स्तर पर की गयी। संवैधानिक शरण प्रक्रिया में अलग-अलग मामलों में उनके शरणार्थी दर्जे की जाँच की गई और कानूनी रूप से नकारात्मक परिणाम के पश्चात यह निष्कर्ष निकाला गया। आम तौर पर भारतीय नागरिकों के लिए, "आव्रजन और शरण के लिए संघीय कार्यालय" (फ़ेडरल ऑफिस फॉर इमीग्रेशन एंड असाइलम अथवा BFA) से संरक्षण के निर्णय की बहुत कम संभावना होती है। स्वीकृति की दर वर्तमान में 0 प्रतिशत है।

इसीलिए, लगभग 80 प्रतिशत भारतीय नागरिकों के संरक्षण के दावों की जाँच फास्ट-ट्रैक प्रक्रिया (औसतन प्रक्रिया की अवधि- 27 दिन) या त्वरित प्रक्रिया (72 घंटों के भीतर पहला निर्णय) से किया जाता है।

तथ्य जाँचें – गैरकानूनी प्रवासन की सच्चाई

समाचार

समाचार

ऑस्ट्रिया ने भारत के लिए यूरोप का पहला फ्रॉन्टेक्स-चार्टर आयोजित किया

19 भारतीय नागरिकों को ऑस्ट्रिया से दिल्ली में अधिकारियों को सौंपा गया।

भारत में यूरोप के पहले चार्टर प्रत्यावर्तन के दौरान 29 सितंबर, 2022 को कुल 19 भारतीय नागरिकों को दिल्ली में अधिकारियों को सौंपा गया। चार्टर ऑपरेशन का आयोजन ऑस्ट्रिया द्वारा एवं समन्वयन फ्रॉन्टेक्स द्वारा किया गया था।

ऑस्ट्रिया से प्रत्यावर्तित लोगों के मामले की जाँच व्यक्तिगत स्तर पर की गयी। संवैधानिक शरण प्रक्रिया में अलग-अलग मामलों में उनके शरणार्थी दर्जे की जाँच की गई और कानूनी रूप से नकारात्मक परिणाम के पश्चात यह निष्कर्ष निकाला गया। आम तौर पर भारतीय नागरिकों के लिए, "आव्रजन और शरण के लिए संघीय कार्यालय" (फ़ेडरल ऑफिस फॉर इमीग्रेशन एंड असाइलम अथवा BFA) से संरक्षण के निर्णय की बहुत कम संभावना होती है। स्वीकृति की दर वर्तमान में 0 प्रतिशत है।

इसीलिए, लगभग 80 प्रतिशत भारतीय नागरिकों के संरक्षण के दावों की जाँच फास्ट-ट्रैक प्रक्रिया (औसतन प्रक्रिया की अवधि- 27 दिन) या त्वरित प्रक्रिया (72 घंटों के भीतर पहला निर्णय) से किया जाता है।